
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह की लोकभवन में ‘अधिकारिक’ उपस्थिति और समानांतर सत्ता तंत्र की चर्चा ने सत्ता के भीतर की राजनीति को उजागर किया है।
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मृत्युंजय सिंह की ‘अधिकारिक’ उपस्थिति
मृत्युंजय सिंह की मुख्यमंत्री आवास 5 केडी में एंट्री रोक दी गई थी, लेकिन वे लोकभवन में अपनी उपस्थिति बनाए रखते हुए शाही टकसाल की तरह व्यवहार करते रहे।
समानांतर सत्ता तंत्र का पर्दाफाश
मृत्युंजय सिंह की लोकभवन में उपस्थिति और उनके द्वारा बनाए गए ‘अधिकारिक’ दफ्तर ने सत्ता के समानांतर तंत्र की संभावना को जन्म दिया है।
शासन तंत्र की गोपनीयता और शासकीय निष्ठा का उल्लंघन
मृत्युंजय सिंह की ‘अधिकारिक’ उपस्थिति और उनके द्वारा बनाए गए ‘अधिकारिक’ दफ्तर ने शासन तंत्र की गोपनीयता और शासकीय निष्ठा के उल्लंघन की संभावना को जन्म दिया है।
प्रमुख सचिव सूचना और निदेशक सूचना की भूमिका
प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद और निदेशक सूचना विशाल सिंह को इस मामले में जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए कि कैसे मृत्युंजय सिंह की ‘अधिकारिक’ उपस्थिति संभव हुई।
इस घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र में सत्ता के समानांतर तंत्र की संभावना को उजागर किया है, जो शासन तंत्र की गोपनीयता और शासकीय निष्ठा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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